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जो गलत कर्मफल की ओर आकर्षित है, उसका हर कर्म गलत होगा || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2019)

2024-01-30 0 Dailymotion

वीडियो जानकारी: 03.08.2019, शब्दयोग सत्संग, पुणे, महाराष्ट्र<br /><br />प्रसंग:<br /><br />न मां कर्माणि लिम्पन्ति न मे कर्मफले स्पृहा ।<br />इति मां योऽभिजानाति कर्मभिर्न स बध्यते ॥<br />कर्मों के फल में मेरी स्पृहा नहीं है,<br />इसलिए मुझे कर्म लिप्त नहीं करते- इस प्रकार जो मुझे तत्व से जान लेता है,<br />वह भी कर्मों से नहीं बँधता ||<br />~ श्रीमद्भगवद्रीता गीता (अध्याय 4, श्लोक 14)<br /><br />~ कर्म क्या है?<br />~ कर्मफल क्या है?<br />~ किसको कर्म लिप्त नहीं करते?<br />~ कृष्ण को तत्व से कौन जान सकता है?<br />~ कौन कर्मों में नहीं बँधता?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते<br />~~~~~

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